|| बेहता रहा हूँ, बेहता ही रहा हूँ ||
बेहता रहा हूँ, बेहता ही रहा हूँ
कभी खामोश रह कर , कभी गुनगुनाते हुए
कभी अकेले तो कभी तेरे साथ ये हमसफ़र...
बेहता रहा हूँ, बेहता ही रहा हूँ
कभी पथरीले राहों पे , कभी रेत की गर्मियों पर
कभी फिर उन हरी जंगलों के रस्ते...
बेहता रहा हूँ, बेहता ही रहा हूँ
इन वादियों से लिपटे हुए उन बर्फीले पहाड़ियों के आँचल से
उन पहाड़ियों के किनारे बहती हुई नदियों के धारो पर...
बेहता रहा हूँ, बेहता ही रहा हूँ
उन झरनो से सटी पेड़ों की तरुओं से
उन झाड़ियों के पत्तो से...
बेहता रहा हूँ, बेहता ही रहा हूँ
इन बागों के बहारों से
इन खेत खलियानों से...
बेहता रहा हूँ, बेहता ही रहा हूँ!
सुप्रभात!!
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Ranjan Panda
Convenor, Water Initiatives Odisha (WIO)
Convenor, Combat Climate Change Network, India
Mahanadi River Waterkeeper (Member, Global Waterkeeper Alliance)
Mob: +91-9437050103
Email: ranjanpanda@gmail.com
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